पीएम बोले कि राज्यसभा कभी भंग नहीं हुई है लेकिन ना होगी, यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व दिखता है. हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना आसान नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है. ये ऐसी जगह है जहां पर ऐसे लोगों का भी स्वागत होता है. देश ने देखा है कि वैज्ञानिक, कला, लेखक समेत कई गणमान्य यहां आए हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण बाबा साहेब अंबेडकर हैं, किसी कारण से उन्हें लोकसभा में पहुंचने नहीं दिया लेकिन वह राज्यसभा में आए.
राज्यसभा में प्रधानमंत्री बोले कि लंबे समय तक विपक्ष कम था, लेकिन आज ऐसा कम ही देखने को मिलता था. पीएम बोले कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनन ने कहा था कि हमारा विचार, व्यवहार और सोच ही दो संसदीय वाली हमारी संसदीय प्रणाली के औचित्य को साबित करेगी. संविधान का हिस्सा बनी इस सदन की परीक्षा हमारे काम से होगी, हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम अपने सोच से देश को इस सदन का औचित्य साबित करें.