भारत की आजादी के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन, करते हैं इन महान क्रांतिकारियों की देन है।
सिंह


" alt="" aria-hidden="true" />भारत की आजादी के महान क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन, करते हैं इन महान क्रांतिकारियों की देन है। जो भारत की संसद स्वतंत्र है, लोगों ने आज भुला दिया केवल, अखबार, टीवी, मोबाइल, पर शुभकामनाओं तक लाके रख दिया, आज जरूरत है इनके बलिदान को हर भारतीय युवा तक पहुंचाने की ये वो क्रांति की ( ज्योति ) है। जो कभी ना बुझने वाली वास्तविक जो सांस्कृतिक कार्यक्रम क्रांतिकारियों की जयंती, एवम् बलिदानों पर होने चाहिए वो आज नहीं होते केवल दिखावा रह गया है, साथियों दिखावा छोड़ो सच को पहचानो याद करो इनकी कुर्बानी ए वतन के लोगों जो दे गए हंसते हंसते कुर्बानी 👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳 🇮🇳🇮🇳🌹 जय हिन्द जय भारत , इन्कलाब जिंदाबाद।



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प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे 9 मिनट तक घर की लाईट बंद करने की अपील की और 130 करोड़ देशवासियों को महाशक्ति जगाने का किया आह्वान
"यह विवाद का तीसरा दिन था। मग्घे की लाश पड़ी थी।
पीएम मोदी ने कहा कि ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है। हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होते हैं। इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए। मोदी जी के भाषण का पूरा अंश ये रहा :-
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 107 हो गई है। भारत सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा मामले केरल से सामने आए हैं। वहां 22 लोग कोविड19 पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं देश में दो और पूरी दुनिया में 6 हजार से अधिक लोगों की मौत इस बीमारी के संक्रमण से हो चुकी है।
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मग्घे ने पिछले कुछ बरसों से सैकड़ों बार प्रधान के कहने पर बैंक से पैसा उठाया था। हर बार वह घर आकर घर के मिट्टी की दीवार पर एक खड़ी लाइन जोड़ देता था जो पैसा बतौर हिसाब उसे प्रधान से पाना था। हालांकि प्रधान ने अभी तक तो एक रुपया भी नहीं दिया था मगर मिट्टी की दीवारों पर लाल रंग के सैकड़ों खड़ी लाइनें मग्घे और मीरावती को खासी तसल्ली देतीं थीं कि प्रधान के पास यह रकम जमा है और वह इसे देगा जरूर। मग्घे तड़प-तड़प कर टी.बी. की बीमारी से मर गया। मगर प्रधान अब-तब करता रहा। मग्घे के बच्चे प्रधान के आगे पीछे मड़राते रहे, मीरावती भी बार-बार उस दर पर गई, मगर पैसे न मिलेआम तौर पर डांट-फटकार से बात करने वाला प्रधान, मीरावती से विनम्रता से पेश आता और उसे आश्वासन देता रहा। मग्घे ने मरते-मरते अपने बड़े भाई दांते और छोटे भाई राम समुझ से वचन ले लिया था कि वे मीरावती और उसके चार अबोध बच्चों को भूखा नहीं मरने देंगे।